बहेलियों पर आधारित।
बहेलिया वीर सैनिक
हालाँकि, एशिया और अफ्रीका में, विभिन्न जनजातियों या आबादी ने, , यूरोपीय लोगों द्वारा आग्नेयास्त्रों से परिचित कराने के बाद भी, रक्षा के लिए शील्ड का उपयोग करना जारी रखा। हम हिंदुस्तान के रीति-रिवाजों पर एफ.बी. सोल्विन्स के काम में पढ़ते हैं कि बहेलिया या बहल्या, भारतीय सैनिक, राइफल रखते हैं, और अभी भी एक गोल शील्ड का उपयोग करते हैं जिसे वे अपनी बांह पर लटकाते हैं।
In Asia and Africa, however, various tribes or populations, more or less civilized, continued to use the shield for defense, even after the Europeans introduced them to firearms. We read in the work of F. B. Solvyns, on the Customs of Hindustan, that i Behalea or B'halya, Indian soldiers, carry the rifle, and still use a round shield which they hang on their arm.
From- Descrizione degli scudi posseduti dal Bunchiere Ambrogio Uboldo, Nobile De-Villareggio ...
Con tavole litogr
By Ambrogio Uboldo · 1839
Charachar
पक्षी पकड़ने के व्यवसाय पर आधारित अवार्ड विनिंग बंगाली फिल्म ।
लखा पक्षी पकडने के परिवार से संबंधित हैं। हालांकि, वह लगातार पक्षियों को फँसाने की अवधारणा और योग्यता पर सवाल करता हैं। लेकिन,वह और भूषण स्थानीय व्यापारी को उनके बंदी किए हुए पक्षियों को बेच देते हैं।
https://m.youtube.com/watch?fbclid=IwAR3BSLWt0Knl8JKgwKB-YUj80BApwvdBZfrYf9r0FACR5YCgpNwuTbWjnW0&v=a2oOgvWkCRM&feature=youtu.be
"बहती गंगा" उपन्यास, शिव प्रसाद मिश्रा-
"लबदन साव ने झरोखे से नीचे झाँका। देखा कि राजा चेतसिंह का अंगरक्षक लोटन बहेलिया ज़री की डोरी पड़ी और सोना-जड़ी कत्तीदार पगड़ी सिर पर रखे, हरा अंगरखा पहने, कमर में गुलाबी फेंटे से तलवार फँसाए, हाथ में फरसा लिए उन्हें आवाज़ दे रहा है।" (पूरी कहानी उपन्यास में पढ़े)
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